जिस दिन साहित्य का दामन छूट जायेगा मानवी मूल्यो का हास हो जायेगा = अबदुल्लाह खान
फरिश्तो से बेहतर है इन्सान होना = प्रोफेसर विशिष्ट गोरखपुर = साहित्य मानव जीवन की विधा है ये हमे जीवन के आयामो का आईने की तरह दर्शन करवाता है । जीवन के पहलू से जिस दिन साहित्य का दामन छूट जायेगा उस दिन मानव जीवन के मूल्यो का हास हो जायेगा उक्त बाते " एहसास का दर्पण " के लोकार्पण के अवस…